हनुमान मंत्र
मनोजवम् मारुततुल्यवेगम् जितेन्द्रियम् बुद्धिमताम् वरिष्ठम्।
वातात्मजम् वानरयूथमुख्यम् श्रीरामदूतम् शरणम् प्रपद्ये॥
बजरंगबली के 5 चमत्कारिक मंत्र
1- ॐ दक्षिणमुखाय पच्चमुख हनुमते करालबदनाय
2- नारसिंहाय ॐ हां हीं हूं हौं हः सकलभीतप्रेतदमनाय स्वाहाः
3-ॐ पूर्वकपिमुखाय पच्चमुख हनुमते टं टं टं टं टं सकल शत्रु सहंरणाय स्वाहा।
4- मर्कटेश महोत्साह सर्वशोक विनाशन।(मनचाही नौकरी पाने का मंत्र)
5- मंगल भवन अमंगलहारी द्रवहु सो दशरथ अजिर विहारी।
6-ऊं हं हनुमते नम:
7-“मंगल भवन अमंगलहारी द्रवहु सो दशरथ अजिर विहारी”
8“संकट ते हनुमान छुड़ावे, मन क्रम वचन ध्यान जो लावे”
हनुमान द्वाद्श्याक्षर मंत्र
हं हनुमते रुद्रात्मकायं हुं फट्
इसी मंत्र के वशीभूत होकर हनुमान जी महाराज महाभारत के युद्ध में अर्जुन के रथ की ध्वजा पर सदैव विराजमान रहे थे,उनकी कृपा से त्रैलोक्य-विजयी का पद भी पाया था |