श्री राम भजन
हमने आँगन नहीं बुहारा, चँचल मन को नहीं सम्हारा,
“कैसे आयेंगे भगवान ll”
हर कोने कल्मष कषाय की, लगी हुई है ढेरी।
नहीं ज्ञान की किरण कहीं है, हर कोठरी अँधेरी।
आँगन चौबारा अँधियारा ll, “कैसे आएँगे भगवान ll”
हमने आँगन नहीं बुहारा
हृदय हमारा पिघल न पाया, जब देखा दुखियारा।
किसी पन्थ भूले ने हमसे, पाया नहीं सहारा।
सूखी है करुणा की धारा ll, “कैसे आएँगे भगवान ll”
हमने आँगन नहीं बुहारा
अन्तर के पट खोल देख लो, ईश्वर पास मिलेगा।
हर प्राणी में ही परमेश्वर, का आभास मिलेगा।
सच्चे मन से नहीं पुकारा ll, “कैसे आएँगे भगवान ll”
हमने आँगन नहीं बुहारा
निर्मल मन हो तो रघुनायक, शबरी के घर जाते।
श्याम सूर की बाँह पकड़ते, साग विदुर घर खाते।
इस पर हमने नहीं विचारा ll, “कैसे आएँगे भगवान ll”
हमने आँगन नहीं बुहारा
सुबह शाम आठो याम यहीं नाम लिए जा
खुश होंगे हनुमान राम राम किए जा
लिखा था राम नाम वो, तो पत्थर भी तर गए
किए राम से जो बैर, जीते जी वो मर गए
बस नाम का रसपान, ए इंसान किए जा
खुश होंगे हनुमान राम राम किए जा
राम नाम की धुन पे नाचे हो कर के मतवाला
बजरंगी सा इस दुनिया में कोई ना देखा भाला
जो भी हनुमत में दर पे आता, उसका संकट ताला
मुख में राम, तन में राम, जापे राम राम की माला
जहाँ राम का कीर्तन वही हनुमान जति हो
गोदी मे गणपति को लें शिव पार्वती हो
सियाराम की कृपा से सौ साल जिए जा
खुश होंगे हनुमान राम राम किए जा
जिसपे दया श्री राम की, बाका न बाल हो
उसका सहाय ‘लक्खा’ अंजनी का लाल हो
‘राजपाल’ तू हर हाल में जैकार किए जा
खुश होंगे हनुमान राम राम किए जा
राम नाम के हीरे मोती मै बिखराऊ गली गली
लेलो रे कोई राम का प्याला शोर मचाऊ गली गली
बोलो राम बोलो राम बोलो राम बोलो राम
माया के दीवानों सुनलो एक दिन ऐसा आएगा
धन दौलत और माल खजाना यही पड़ा रह जायेगा
सुन्दर काया मिट्टी होगी चर्चा होगी गली गली
लेलो रे कोई राम का प्याला शोर मचाऊ गली गली
राम नाम के हीरे मोती मै बिखराऊ गली गली
लेलो रे कोई राम का प्याला शोर मचाऊ गली गली
बोलो राम बोलो राम बोलो राम बोलो राम
क्यों करता तू मेरा तेरा यह तो तेरा मकान नही
झूठे जग में जो फसा हुआ है ओ सच्चा इन्सान नही
जग का मेला दो दिन का है अंत में होगी चला चली
लेलो रे कोई राम का प्याला शोर मचाऊ गली गली
राम नाम के हीरे मोती मै बिखराऊ गली गली
लेलो रे कोई राम का प्याला शोर मचाऊ गली गली
बोलो राम बोलो राम बोलो राम बोलो राम
जिस जिस ने यह मोती लुटे वह तो मालामाल हुए
धन दौलत के जो बने पुजारी आखिर वह कंगाल हुए
सोने चांदी वालो सुनलो बात सुनाऊ खरी खरी
लेलो रे कोई राम का प्याला शोर मचाऊ गली गली
राम नाम के हीरे मोती मै बिखराऊ गली गली
लेलो रे कोई राम का प्याला शोर मचाऊ गली गली
बोलो राम बोलो राम बोलो राम बोलो राम
इस दुनिया कब तक पगले तू अपना कहलायेगा
राम नाम को भूल गया तू अंत समय पछतायेगा
दो दिन का ये चमन खिला है फिर मुरझाये गली गली
लेलो रे कोई राम का प्याला शोर मचाऊ गली गली
राम नाम के हीरे मोती मै बिखराऊ गली गली
लेलो रे कोई राम का प्याला शोर मचाऊ गली गली
भिलनी कर रही रस्ता साफ,म्हारे घर राम पधारेंगे,
भिलनी कर रही रस्ता साफ,म्हारे घर राम पधारेंगे,
राम पधारेंगे, म्हारे घर श्याम पधारेंगे,
भिलनी कर रही रस्ता साफ,म्हारे घर राम पधारेंगे,
भोर भई जब मन में लागी,यमुना जाऊंगी,
भोर भई जब मन में लागी,यमुना जाऊंगी,
ठंडा–ठंडा नीर प्रभु को स्नान कराऊंगी,
भिलनी कर रही रस्ता साफ,म्हारे घर राम पधारेंगे,
राम पधारेंगे, म्हारे घर श्याम पधारेंगे,
भिलनी कर रही रस्ता साफ,म्हारे घर राम पधारेंगे।।
भोर भई जब मन में लागी,चंदन लाऊंगी,
भोर भई जब मन में लागी,चंदन लाऊंगी,
केसर घिस–घिस के, प्रभु के तिलक लगाऊंगी,
भिलनी कर रही रस्ता साफ,म्हारे घर राम पधारेंगे,
राम पधारेंगे, म्हारे घर श्याम पधारेंगे,
भिलनी कर रही रस्ता साफ,म्हारे घर राम पधारेंगे।।
भोर भई जब मन में लागी,बागों में जाऊंगी,
भोर भई जब मन में लागी,बागों में जाऊंगी,
कलियां चुन–चुन के प्रभु को हार पहनाऊंगी,
भिलनी कर रही रस्ता साफ,म्हारे घर राम पधारेंगे,
राम पधारेंगे, म्हारे घर श्याम पधारेंगे,
भिलनी कर रही रस्ता साफ,म्हारे घर राम पधारेंगे।।
भोर भई जब मन में लागी,भोजन कराऊंगी,
भोर भई जब मन में लागी,भोजन कराऊंगी,
मीठे–मीठे बेर प्रभु को भोग लगाऊंगी,
भिलनी कर रही रस्ता साफ,म्हारे घर राम पधारेंगे,
राम पधारेंगे, म्हारे घर श्याम पधारेंगे,
भिलनी कर रही रस्ता साफ,म्हारे घर राम पधारेंगे।।
रैन भई जब मन में लागी,सेज बिछाऊंगी,
रैन भई जब मन में लागी,
सेज बिछाऊंगी,सेज बिछाऊंगी प्रभु के चरण दबाऊंगी,
भिलनी कर रही रस्ता साफ,म्हारे घर राम पधारेंगे,
राम पधारेंगे, म्हारे घर श्याम पधारेंगे,
भिलनी कर रही रस्ता साफ,म्हारे घर राम पधारेंगे।।
भोर भई जब मन में लागी,ध्यान लगाऊंगी,
भोर भई जब मन में लागी,ध्यान लगाऊंगी,
तुलसीदास भजो भगवान हरिगुण गाऊंगी,
भिलनी कर रही रस्ता साफ,म्हारे घर राम पधारेंगे,
राम पधारेंगे, म्हारे घर श्याम पधारेंगे,
भिलनी कर रही रस्ता साफ,म्हारे घर राम पधारेंगे।।